पचमढ़ी मध्य प्रदेश के होंशगाबाद जिले में स्थित एक पर्वतीय हिल स्टेशन/पचमढ़ी के 12 प्रसिद्ध दर्शनिय स्थल
पचमढ़ी मध्य प्रदेश के होंशगाबाद जिले में स्थित एक पर्वतीय हिल स्टेशन/पचमढ़ी के 12 प्रसिद्ध दर्शनिय स्थल/Pachmarhi is a hill station located in Honshgabad district of Madhya Pradesh / 12 famous sightseeing places of Pachmarhi
पचमढ़ी-
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के होशंगाबाद जिले में स्थित एक सुंदर शहर है जहा पर्यटकों का आना जाना लगा रहता हैं।यह एक पर्वतीय हिल स्टेशन हैं। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुदरता के लिये जाना जाता है जो बिट्रिश राजा के जमाने से हैं।मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धुपगढ़ जिसकी ऊचाई 1352 मीटर है यही पर हैं।होशंगाबाद जिले में स्थित यह शहर 1067 मीटर की ऊचाई पर स्थित हैं।
विवरण
यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 190 किलोमीटर दूर स्थित एक सुदंर शहर है।समुद्र तल से इस शहर की ऊचाई 3550 मीटर हैं।अपने सुंदर स्थलों और सतपुड़ा श्रेणीयों के बीच स्थित होने के कारण इस शहर को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता हैं।पचमड़ी की खोज डी एच गार्डन विद्वान ने की थी।
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी शहर भारत के सबसे खूबसूरत और मनमोहक पर्यटन स्थलों में से एक है।
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल-
- जटाशंकर-
पचमढ़ी शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जटाशंकर एक पवित्र एवं दर्शनी गुफा है। इस गुफा की विशेषता यह है कि इस गुफा के ऊपर बिना किसी सहारे के एक झूलता हुआ विशाल शिलाखंड रखा हुआ है। जटाशंकर गुफा पर पहुंचने से पहले मार्ग में एक हनुमानजी मंदिर है जहां एक शिलाखंड खंड पर हनुमान जी की मूर्ति उकेरी गई हैं। यह शिव जी का एक प्राकृतिक शिवलिंग बना हुआ है।
- महादेव गुफा-
महादेव गुफा पचमढ़ी शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित एक पूजनीय स्थल है। किस गुफा की लंबाई 30 मीटर है। इस गुफा के अंदर सदैव पानी बहता रहता है। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया था कि वहां जिसके सर पर अपना हाथ रखेगा वहां भस्म हो जाएगा तो भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव ने इसी गुफा का सहारा लिया था। इस गुफा के अंदर एक शिवलिंग है। शिवरात्रि का त्योहार यह पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। यहां गुफा भगवान शिव को समर्पित है है तथा यहां तक पहुंचने बहुत कठिन हैं।
- पांडव गुफाएं-
यहां पांच गुफाएं हैं जो एक छोटी पहाड़ी पर बनी हुई है। इन गुफाओं के कारण ही इस स्थान को पचमढ़ी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान कुछ समय यहीं पर बिताया था। सबसे साफ और हवादार गुफा को द्रोपति कोटि कहा जाता है। तथा सबसे अंधकारमय और बड़ी गुफा भीम कोठारी के नाम से लोकप्रिय है।
- प्रियदर्शनी प्वाइंट-
यहां सतपुड़ा की पहाड़ियों का सबसे ऊंचा पहाड़ है इसी स्थान से कैप्टन जेम्स और उचित में अट्ठारह सत्तावन में इस खूबसूरत हिल स्टेशन की खोज की थी। पहले इस पॉइंट का नाम फॉरसिथ पॉइंट था बाद में इसका नाम बदलकर प्रियदर्शनी पॉइंट रख दिया गया। इस पॉइंट के ऊपर से चोरा देव पहाड़ी महादेव पहाड़ी और धूपगढ़ पहाड़ी जो सतपुड़ा के तीन प्रमुख चोटियां है देखी जा सकती है। जब सूर्य अस्त होता है तब यहां का नजारा और भी मनमोहक हो जाता है।
- चौरागढ़-
महादेव गुफा से 4 किलोमीटर आगे चलकर चौरागढ़ पहुंचने का मार्ग है। पहाड़ी के आयताकार शिखर पर एक मंदिर है जहां भगवान शिव की प्रतिमा देखने को मिलती है। भगवान शिव का त्रिशूल भेंट करने के लिए श्रद्धालु मंदिर जाते हैं और श्रद्धालुओं के आराम करने के लिए यहां धर्मशाला भी बनाई गई है।
- रजत प्रताप-
अप्सरा विहार से पूर्व दिशा की ओर आधा किलोमीटर चलने पर रजत प्रताप के पास पहुंचा जाता है इस प्रताप की ऊंचाई 350 फीट है। झरने से गिरता जल तरल चांदी के समान दिखाई देता है इसी वजह से इसे रजत प्रताप कहा जाता है। झरने तक पहुंचने का मार्ग काफी दुर्गम है इस झरने के पास पर्यटक ट्रेकिंग के माध्यम से ही पहुंचते हैं।
- अप्सरा विहार-
अप्सरा विहार पचमढ़ी का सबसे सुंदर ताल माना जाता है। पांडव गुफा के पास से पैदल चलकर ही इसके पास पहुंचा जा सकता है। तालाब एक छोटे झरने से बना है जो 30 फीट ऊंचा है जिसकी गहराई अधिक ना होने के कारण यहां ताल तैराकी और गोताखोर के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।
- मधुमक्खी झरना-
पचमढ़ी नगर से 3 किलोमीटर दूर स्थित मधुमक्खी झरना का एक और नाम यमुना प्रसाद भी है। इस झरने तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसी झरने के पानी से पचमढ़ी मैं पानी की आपूर्ति की जाती है।
- तामिया-
तामिया पचमढ़ी से 81 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर्यटकों से हमेशा भरा रहता है जिसका कारण यहां है यहां से सन सेट पॉइंट में बैठकर सूर्यास्त की खूबसूरती देखी जा सकती है तथा यहां से सतपुड़ा की पहाड़ियां अपने सुंदर तम रूप में दिखाई देती है।
- राजेंद्र गिरी-
इस पहाड़ी का नाम भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखा गया है क्योंकि इस पहाड़ की खूबसूरती ने डॉ राजेंद्र प्रसाद को बहुत लोग आया था।वेज पहाड़ी की खूबसूरती से प्रभावित होकर कई बार यहां घूमने के लिए आए थे। उनके ठहरने के लिए यहां रविशंकर भवन बनवाया गया था।
- हन्डी खो-
यहां पचमढ़ी के सबसे गहरी और घनी घाटी है जिसकी गहराई लगभग 300 फीट है।
- सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क-
सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क की स्थापना 1981 में की गई थी यहां पार्क 524 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। यहां पर पाए जाने वाले जानवरों में विशन, टाइगर, चार सिंह वाले हिरण जैसे जानवरों को देखा जा सकता है। यहां पर सदाबहार पेड़ों से भरपूर है तथा यहां आए पर्यटकों के लिए ठहरने की उत्तम व्यवस्था हैं।
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