बसंत पंचमी 2021 के शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी मध्य प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं
बसंत पंचमी हिंदुओं का त्यौहार है इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है जो विद्या की देवी है।इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा बांग्लादेश,नेपाल और कई बड़े राष्ट्रों में हर्षोल्लास से की जाती है।
वसंत पंचमी की कथा
उपनिषदों की कथा के अनुसार सृष्टि के आरंभिक काल में भगवान शिव की आज्ञा से भगवान ब्रह्मा ने मनुष्य योनि की रचना की। लेकिन अपनी रचना से वे संतुष्ट नहीं थे उन्हें ऐसा लगता था कि मानो कोई कमी रह गई हो।
इस समस्या के निवारण के लिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल हाथ में लेकर भगवान श्री विष्णु का आह्वान किया ब्रह्मा जी का आवाहन सुनकर भगवान विष्णु तुरंत ही ब्रह्मा जी के समीप प्रकट हुए तथा उनसे उनके आवान करने का कारण पूछा तो उन्होंने अपनी समस्या बताई।
ब्रह्मा जी की इस समस्या को सुनकर श्री हरि भगवान विष्णु ने तुरंत ही तुरंत ही आदि शक्ति मां दुर्गा माता का आह्वान किया।
भगवान विष्णु के आवाहन से भगवती मां दुर्गा वह तुरंत ही प्रकट हो गई तब भगवान ब्रह्मा एवं विष्णु जी ने उन्हें इस संकट से दूर करने का निवेदन किया।
विष्णु जी और ब्रह्मा जी की बातें सुनने के बाद उसी समय मां दुर्गा शक्ति के शरीर से श्वेत प्रकाश उत्पन्न हुआ और यहां प्रकाश एक दिव्य नारी के रूप में बदल गया।

जैसे ही मां सरस्वती आदि शक्ति दुर्गा माता से उत्पन्न प्रकाश से प्रकट हुई उन्होंने वीणा का मधुरनाद किया, जिससे संसार सभी जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हुई।
बसंत पंचमी पर्व का पौराणिक महत्व
बसंत पंचमी का पर्व हमें त्रेता युग की याद दिलाता है जब रावण माता सीता का हरण करके ले गया तब भगवान श्री राम माता सीता की खोज में इधर उधर भटकने लगे तभी वहां गुजरात के डांग जिले में पहुंचे जहां पर मां शबरी का आश्रम था तब माता शबरी ने अपने झूठे बेर भगवान श्रीराम को खिलाए थे यहां घटना बसंत पंचमी के दिन ही हुई थी जब भगवान श्रीराम ने मां शबरी के गुरु बनकर उन्हें अंतिम उपदेश दिया था। बसंत पंचमी के दिन ही भगवान श्रीराम वहां पर आए थे। उस क्षेत्र के वनवासी आज भी वहां पर रखी एक शिला को पूजते हैं क्योंकि उनका यह मानना है कि भगवान श्री राम इसी शिला पर आकर बैठे थे जहां पर शबरी माता का मंदिर भी है।
बसंत पंचमी के दिन होने वाली घटनाएं
- बसंत पंचमी के दिन ही पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को मारा था इसके बाद चंदबरदाई और पृथ्वीराज ने भी एक दूसरे को छुरा घोंप कर आत्म बलिदान दे दिया था।
- बसंत पंचमी का दिन सिखों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी का विवाह हुआ था ऐसी मान्यता है।
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेे दी प्रदेशवासियों को दी हार्दिक बधाई


