सीहोर(Sehore):sehore gk in hindi,मप्र समान्य झान,सीहोर जिले की तहसीले, मप्र पुलिस, पटवारी और भी अन्य परिक्षाओं के लिये महत्वपूर्ण
सीहोर(Sehore):sehore gk in hindi,मप्र समान्य झान,सीहोर जिले की तहसीले,
· स्थिती: सीहोर मप्र राज्य के भोपाल संभाग का जिला है जो मालवा के पठार में विध्यांचल पर्वत श्रंखृला में स्थित है इसका गठन 1956 में हुआ था।
गठन | 1956 |
श्रेत्रफल | 6578 |
जनसंख्या | 1311332 |
जनसंख्या घनत्व | 199 प्रति वयक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर |
साक्षरता | 70.66%(23 वॉ स्थान) |
तहसीले | 8 |
पड़ोसी जिले | 7 |
नदियां | नर्मदा, पार्वती, सीवन, दूधी, कोलार, सीप |
· तहसीलें:
1. सीहोर(जिला मुख्यालय)
2. बुधनी
3. श्यामपुर
4. रेहटी
5. आष्टा
6. इछावर
7. नसरुल्लागंज
8. जावर
· पड़ोसी जिलें:
1. राजगढ़
2. भोपाल
3. देवास
4. रायसेन
5. होशंगाबाद
6. हरदा
7. शाजापुर
· सीहोर को 1956 से पूर्व निजाम-ए-मशरीफ के नाम से जाना जाता था।
· 24 जून को प्रतिवर्ष मप्र में कोमी एकता दिवस मनाया जाता है।
- कुंवर चैन सिंह- यह घटना 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से 33 वर्ष पहले की है।बात उस समय की है जब नरसिंहगढ़ के राजकुमार कुंवर चैन सिंह थे।सन् 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस समय के भोपाल के नवाब से समझौता कर अपने सैनिको की एक टुकड़ी सीहोर में भेजी और इस टुकड़ी का प्रमुख प्रभारी एजेंट मेड़ॉक को बनाया गया।
समझौते के तहत एजेंट मेडॉक को भोपाल सहित खिलचीपूर, राजगढ़, नरसिंहगढ़ रियासत के अधिकार भी सौंप दिये गये थे इस समझौते को अन्य रियासत को राजाओं ने स्वीकार कर लिया लेकिन नरिसंहगढ़ के राजकुमार कुंवर चैन सिंह ने यह समझौता मानने से इंकार कर दिया।
नरसिंहगढ़ रियासत के मंत्री रूपराम बोहरा और दिवान आनंदराम बख्शी अंग्रेजों से मिले हुए थे जब यह बात कुंवर चैन सिंह को पता चली तो उन्होंने दोनो को मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद रूपराम के भाई ने यह बात एजेंट मेडॉक को बतायी तो एजेंट मेडॉक ने उन्हे मिलने के लिये बुलाया और उनसे कहा की अगर तुम इन दोनों की हत्या के आरोप से बचना चाहते हो तो तुम्हे हमारी दो शर्ते माननी पड़ेगी।
पहली शर्त यह थी की नरसिंहगढ क्षेत्र में पैदा होने वाली अफीम हमें बेची जाए।
दूसरी शर्त यह थी की नरसिंहगढ़ रियासत अंग्रेजों की आधिनता स्वीकार करे पर यह दोनो शर्त कुंवर चैन सिंह ने मानने से इंकार कर दी ।
इसके बाद एजेंट मेडॉक और कुवंर चैन सिंह के बीच युद्ध हुआ जिसमें कुंवर चैन सिंह शहीद हो गये।
इस युद्ध में कुंवर चैन सिंह का साथ उनके दो साथी हिम्मत खॉं और बहादुर खॉं ने दिया।
यह युद्ध 24 जून 1824 को हुआ और इसी दिन कुंवर चैन सिंह का साथ हिम्मत खॉ और बहादुर खॉ ने दिया इसलिये मप्र में 24 जून का कोमी एकता दिवस मनाया जाता हैं।
- मध्य प्रदेश सरकार ने शहीद कुवंर चैन सिंह की छतरी पर 2015 से गार्ड ऑफ ऑनर पुरूस्कार प्रारम्भ किया हैं।
· सीहोर में स्थित दशहरा बाग मैदान को मालवा की हल्दीघाटी के नाम से जाना जाता हैं।
· रेल्वे स्लीपर बनाने का कारखना सीहोर की बुधनी तहसील में हैं।
यहां भी देखें:-https://hindidhaam.com/%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%96%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%aa%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%be/
· ट्रेक्टर प्रशिक्षण एवं ट्रेनिंग सेन्टर सीहोर की बुधनी तहसील में हैं।
· मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी शुगर मिल बरलाई शुगर मिल सीहोर में हैं।
· बौद्धकालिन सारा-मारू की गुफाएं सीहोर जिले की बुधनी तहसील में पानगुराडिया के नजदीक हैं।
· सीहोर जिले की रेहटी तहसील में सलकनपूर में माता बिजासन का मंदीर है जिसे 2009 में पवित्र स्थल घोषीत किया था।
· देश का पहला आवासीय खेल विधालय सीहोर में स्थित हैं।
· सीहारे में कृषी महाविधालय भी है जिसका पूरा नाम रफी अहमद किदवई है।
· अशोक के अभिलेख सीहारे जिले के पानगुराड़ीया से प्राप्त हूए हैं।
· सीहोर में राजा विक्रमादित्य के समय का प्रसिद्ध चिंतामण गणेश मंदिर है जो सीहोर के गोपालपुर गांव में हैं। इस मंदिर का जीर्णोद्धार पेशवा बाजीराव ने करवाया था।
· हथनौरा-डॉ़ अरूण सोनकिया द्वारा 5 दिसबंर 1982 को सीहोर जिले के हथनौरा से मानव जीवाश्म के अवशेष खोजे गए जिन्हें नर्मदा मानव नाम दिया गया यह अवशेष अब तक खोजे गए मानव अवशेष में सबसे प्राचीन मानव अवशेष थे।
इसी के साथ डॉ़ अरूण सोनकिया ने नर्मदा के उत्तरी तट पर लंबे दांतो वाला विलुप्त हाथी (स्टेगोडॉन) का जबड़ा भी खोजा।
· मिट्टी- मप्र के सीहोर जिले में काली मिट्टी पाई जाती हैं।
· मप्र के सीहोर जिले का शरबती गेहूँ देश-विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं।
· मप्र के सीहोर जिले में उष्णपर्णपाती वन पाये जाते हैं।
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